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Showing posts from February, 2019

पुलवामा CRPF हमला: बीजेपी सरकार ने किया था रिहा, आज तक बना हुआ है सिरदर्द

पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन जैश -ए-मोहम्मद एक बार फिर ख़बरों में है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अवंतिपुरा के लेकपुरा इलाके से गुजर रहे सीआरपीएफ़ के काफिले पर चरमपंथी हमले की ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने एक बयान जारी कर कहा है कि आदिल अहमद उर्फ़ वक़ास कमांडो ने इस हमले को अंजाम दिया है. वक़ास कमांडो को पुलवामा ज़िले का नागरिक बताया जा रहा है. यह पहली बार नहीं है जब जैश ने भारत में इस तरह के हमले किये हैं. इस सिलसिले की शुरुआत हुई थी जैश के प्रमुख मौलाना अज़हर मसूद की गिरफ़्तारी के बाद 24 दिसंबर 1999 को 180 यात्रियों वाले एक भारतीय विमान को अगवा किये जाने से. मौलाना मसूद अज़हर को भारतीय अधिकारियों ने 1994 में कश्मीर में सक्रिय चरमपंथी संगठन हरकत-उल- मुजाहिदीन का सदस्य होने के आरोप में श्रीनगर से गिरफ़्तार किया था. अपहरणकर्ता इस विमान को कंधार ले गये थे और भारतीय जेलों में बंद मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे चरमपंथी नेताओं की रिहाई की मांग की. छह दिन बाद 31 दिसंबर को अप

पाकिस्तान के मीडिया से पश्तून आंदोलन ग़ायब, कश्मीर पर हो रही बात

पाकिस्तान में कुछ प्रदर्शन अख़बारों की सुर्खियों में जगह पाते हैं और कुछ नहीं, ऐसा क्यों होता है? बीबीसी संवाददाता एम इलियास ख़ान ने मानवाधिकारों के हनन से जुड़ी एक कहानी की पड़ताल की, जिसे मीडिया बताना नहीं चाहता और अधिकारी उस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. पाकिस्तान का मीडिया अब सरकारी नीतियों के मौलिक विरोधाभास को रिपोर्ट करने के लिए संघर्ष कर रहा है. इस बार इस्लामाबाद के राष्ट्रीय प्रेस क्लब के बाहर यह ज़्यादा देखने को मिला. यहां सैकड़ों की संख्या में प्रतिबंधित चरमपंथी समूह से जुड़े धार्मिक मदरसों के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. क्लब के बाहर एक बड़ा सा मैदान है, जहां अक्सर प्रदर्शनकारी जुटते हैं और अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं. छात्र यहां कश्मीर दिवस के मौके पर इकट्ठा हुए थे. भारत प्रशासित कश्मीर में सैन्य बलों द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के हनन को चिह्नित करने के लिए हर साल पाकिस्तान में कश्मीर दिवस मनाया जाता है. इस दिन यहां सरकारी छुट्टी होती है. लेकिन कश्मीर रैली के दौरान पाकिस्तान की पुलिस उन युवाओं को चिह्नित और गिरफ़्तार करने में व्यस्त थी, जो उसी जगह पर आयोजित होन